रोज़ाना की आदतें जो मुझे नशामुक्त रहने में मदद करती हैं
नशा छोड़ना सिर्फ़ "ना" कह देने भर की बात नहीं है — यह एक ऐसी ज़िंदगी बनाने की बात है जहाँ आपको नशे की ज़रूरत ही महसूस न हो। ये 7 आदतें मेरे लिए रोज़ का सहारा हैं, और उम्मीद है कि ये आपकी मदद भी कर सकती हैं।
1. दिन की शुरुआत इरादे के साथ करता हूँ
हर सुबह मैं 5–10 मिनट खुद को सँभालने के लिए लेता हूँ। मैं:
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थोड़ा-सा जर्नल लिखता हूँ,
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कोई मोटिवेशनल चीज़ पढ़ता हूँ, या
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बस खुद से कहता हूँ: “आज के दिन मैं नशा नहीं करूंगा।”
ये छोटी-सी बात पूरे दिन की दिशा तय कर देती है।
2. शरीर को हर रोज़ थोड़ा चलाता हूँ
व्यायाम मेरे मन को साफ़ करता है और तनाव को बाहर निकालता है — वही तनाव जो पहले मुझे नशे की तरफ खींचता था।
ज़रूरी नहीं कि कोई भारी एक्सरसाइज हो:
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20 मिनट की वॉक
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हल्की स्ट्रेचिंग
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यूट्यूब पर योगा वीडियो
थोड़ी सी हरकत भी मन को शांत रखती है।
3. हर दिन किसी से जुड़ता हूँ
अकेलापन नशामुक्ति का दुश्मन है। इसलिए मैं रोज़ किसी न किसी से जुड़ता हूँ:
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कोई दोस्त जो नशा छोड़ चुका है
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कोई ऑनलाइन ग्रुप
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मेरा गाइड या सपोर्ट सिस्टम
एक छोटा सा मैसेज भी जुड़ाव का एहसास दिलाता है।
4. खुद को व्यस्त रखता हूँ
बोरियत मेरे लिए एक बड़ा ट्रिगर थी। अब मैं कोशिश करता हूँ कि कुछ न कुछ करता रहूँ:
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कुछ नया पकाता हूँ
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कोई नई चीज़ सीखता हूँ
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पढ़ता हूँ, लिखता हूँ या सफाई करता हूँ
कोई छोटा काम भी मुझे कंट्रोल का एहसास देता है।
5. आभार प्रकट करता हूँ
रोज़ रात को मैं 3 चीज़ें लिखता हूँ जिनके लिए मैं आभारी हूँ।
कभी-कभी वो बड़ी होती हैं — "आज मैं मीटिंग में बिना नशे के टिक पाया",
कभी छोटी — "आज मौसम अच्छा था।"
कृतज्ञता मुझे इस बात पर ध्यान देने में मदद करती है कि मेरी ज़िंदगी में क्या अच्छा है।
6. एक स्थिर दिनचर्या रखता हूँ
रूटीन से शांति मिलती है। मैं समय पर खाता हूँ, सोता हूँ और अपनी दिनचर्या में बदलाव कम करता हूँ।
नशामुक्त जीवन उबाऊ नहीं है — यह एक सुरक्षित और शांत जीवन है।
7. सोचता हूँ, पछताता नहीं
हर दिन खुद से पूछता हूँ:
“आज कैसा लग रहा है? मुझे किस चीज़ की ज़रूरत है?”
अगर दिन खराब भी गया, तो खुद को कोसता नहीं — सोचता हूँ, सीखता हूँ, और आगे बढ़ता हूँ।
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