पहला दिन: एक बड़ा फैसला
शराब छोड़ने का फैसला मेरे लिए आसान नहीं था। यह मेरे जीवन का हिस्सा बन चुकी थी – दोस्तों के साथ पार्टी में, तनाव में, या अकेले समय बिताने के लिए। लेकिन जब मैंने खुद को आईने में देखा और सोचा कि क्या मैं ऐसे ही अपनी जिंदगी बिताना चाहता हूँ, तो मैंने ठान लिया – अब बस!
पहले हफ्ते: संघर्ष और लत से जूझना
पहले कुछ दिन बहुत मुश्किल थे। शरीर बार-बार शराब की माँग कर रहा था।
* सरदर्द, बेचैनी और मूड स्विंग्स होना आम बात थी।
* रात को नींद नहीं आती थी, हर वक्त थकान महसूस होती थी।
* मैं अपने दोस्तों से दूर रहने लगा क्योंकि मुझे डर था कि कहीं फिर से न पी लूँ।
लेकिन मैंने खुद को याद दिलाया कि यह सिर्फ कुछ दिनों की बात है। मैंने खुद को व्यस्त रखा – किताबें पढ़ीं, वॉक पर गया, और हेल्दी डाइट अपनाई।
दूसरा हफ्ता: थोड़ा सुधार, लेकिन नई चुनौतियाँ
अब शरीर धीरे-धीरे एडजस्ट करने लगा था।
✅ मेरी नींद पहले से बेहतर हो रही थी।
✅ मेरी स्किन ग्लो करने लगी थी।
✅ मानसिक रूप से हल्का महसूस करने लगा।
लेकिन इस हफ्ते एक नई चुनौती आई – भावनाओं को कंट्रोल करना।
* पहले मैं तनाव या गुस्से में शराब पीता था, लेकिन अब मेरे पास वह ऑप्शन नहीं था।
* मुझे अपने इमोशंस से भागने की जगह उनका सामना करना पड़ा।
इस समय मेडिटेशन और एक्सरसाइज ने मेरी बहुत मदद की।
तीसरा हफ्ता: बदलाव महसूस होने लगे
अब चीजें बेहतर हो रही थीं:
✅ एनर्जी लेवल बढ़ गया था।
✅ मैं ज्यादा खुश और शांत महसूस कर रहा था।
✅ मेरी प्रोडक्टिविटी बढ़ गई थी।
मैंने अपने परिवार और करीबी दोस्तों से बात की। उन्होंने मेरी इस जर्नी को सपोर्ट किया, जिससे मुझे और हिम्मत मिली।
चौथा हफ्ता: नई जिंदगी की शुरुआत
अब तक शराब के बिना रहना मेरा नया नॉर्मल बन चुका था।
*सुबह बिना हैंगओवर के उठना बहुत अच्छा लग रहा था।
*मेरी फोकस पावर और मेंटल क्लैरिटी पहले से कई गुना बेहतर हो गई थी।
*रिश्ते सुधरने लगे थे क्योंकि अब मैं पूरी तरह से प्रेजेंट था।
इस 30-दिन की जर्नी ने मुझे सिखाया कि शराब सिर्फ एक आदत है, जिसे बदला जा सकता है।
अगर आप शराब छोड़ना चाहते हैं, तो पहला कदम उठाइए। शुरुआत में मुश्किल लगेगा, लेकिन धीरे-धीरे चीजें आसान हो जाएँगी। आप अकेले नहीं हैं – अगर मैं कर सकता हूँ, तो आप भी कर सकते हैं!
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